खोयी हूँ कहीं,
किसी के इंतज़ार में,
मन विचलित है, धड़कन मद्धम है,
कोई तस्वीर धुंदली सी आखों में है,
तड़प है उससे मिलने की,
उसके बाँहों में खो जाने की,
उसमे समां जाने की,
उन बाँहों के विश्वास की,
उन साँसों के आवाज़ की,
उन धडकनों के एहसास की,
दुनिया से दूर, सुकून के दो पल बिताने की,
इंतज़ार है उन आखों से बरसते प्यार की,
इंतज़ार है .....
किसी के इंतज़ार में,
मन विचलित है, धड़कन मद्धम है,
कोई तस्वीर धुंदली सी आखों में है,
तड़प है उससे मिलने की,
उसके बाँहों में खो जाने की,
उसमे समां जाने की,
उन बाँहों के विश्वास की,
उन साँसों के आवाज़ की,
उन धडकनों के एहसास की,
दुनिया से दूर, सुकून के दो पल बिताने की,
इंतज़ार है उन आखों से बरसते प्यार की,
इंतज़ार है .....
behad sundar rachna, Rekha
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