Tuesday, May 27, 2014

kuch sukhe patte




कुछ सूखे पत्ते

कुछ सूखे पत्ते,
जीवन में ऐसे है बिखरे, बजते ही रहते,
कुछ कहते ही रहते  
यादों का साया बिखेरते ही रहते
खुशियों के पलों को सुखाते ये पत्ते
दर्द के समां सजाते ये पत्ते  
बीते लम्हे सूखे पत्तों के रस्ते
जीवन में घर बनाये ही रहते
khud mein बहते जीवन को पहचानो
ईश्वर की कृपा को मनो